Ganesh Mahotsav Special

 श्री गणेश महत्सव की शुरुआत कब,कहा और कैसे हुई:




क्या आप जानते है कि गणेश महोत्सव की शुरुआत कब और कैसे हुई चलो हम इस बारे में जानते है।
इतिहास के अनुसार यह अनुमान लगा या गया है कि गणेश चतुर्थी १६३०-१६८० के दौरान छत्रपति शिवाजी के समय में एक सावजनिक समारोह के रूप में मनाया जाता है।
शिवाजी महाराज के समय पर यह गणेश उत्सव उनके कुलदेवता के रूप में नियमित रूप में मानना शुरु किया गया था।
गणेश चतुर्थी एक बड़ी तैयारी के साथ वार्षिक घरेलू त्योहार के रूप में हिन्दू लोग मानने लगे।
क्या आप जानते है कि गणेश विसर्जन की रस्म बाल गंगाधर लोकमान्य तिलक द्वारा स्थापित की गई थी।
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार यह माना जा सकता है की गणेश जी का जन्म माध माह में चतुर्थी के दिन हुआ था।

श्री गणेश जी की स्थापना कैसे करे:

इस साल गणेश चतुर्थी का शुभ पर्व २२ अगस्त २०२० से शुरू होकर ३१ अगस्त २०२० तक चलेगा।
श्री गणेश जी के कई सारे नाम है इनमें से कुछ नाम गजानन,विनायक,लम्बोदर, वक्रतुंड और एकदंत है।

श्री गणेश जी के आगमन से पहले क्या करे:



श्री गणेश जी के आगमन से पहले हमें आपने घर को अच्छी तरह से सजाएं, सावारे और इतना खूबसूरत बनाए की गणेश जी का मन प्रसन्ना हो जाए और कहे की बस अब कहीं और नहीं जाना।
सबसे पहले गणेश जी जिस स्थान पर विराजमान है उस स्थान को अच्छी तरह से पानी से साफ करे और स्वच्छ रखे।
बाद में उस स्थान पर बाजोट रखे उस पर केसरिया या पीला रंग के वस्त्र बिछाएं। स्थान को रोशनी से सुसोजित करे।
श्री गणेश जी के स्थान के आस पास रंगोली,फूल ,आम के पत्ते और अन्य सजावही सामग्री से स्थान को सुंदर और आकर्षित बनाए।
एक ताबे का सुस्वश्चा कलश शुद्ध पानी भर कर आम के पत्ते और नारियल के साथ सजाए। यह समस्त तैयारी गणेश स्थापन से पहले कर ले।
जब आप गजनन्न को लेने जाए तो स्वयं नवीन वस्त्र घरण करे।पुरुष सिर पर सफा या रुमाल रखे। स्त्रियां सुंदर रंगबिरंगे वस्त्र के साथ समस्त आभूषण पहने।सुगंधित गजरा लगाए।

श्री गणेश का घर प्रवेश:

घर की मालकिन गणेश को ला कर द्वार पर रोके स्वयं अंदर जाकर पूजा कि थाली से उनकी आरती उतारे। आदर सहित गजानन को घर के भीतर उनके लिए तैयार स्थान पर जय जयकार के साथ शुभ मूहर्त में स्थापित करे।

श्री गणेश की पूजन विधि:

आचमन - ॐ केशवाय नमः। ॐ नारायण नमः। ॐ माधवाय नमः।
इस मंत्रो का उच्चार करते समय हाथ में जल लेकर तीन बार आचमन करे एवं ॐ ऋषिकेसाय नमः एसे उच्चार कर के आपने हाथ को धोले।
"ॐ अपवित्र: प्रवित्रो वा सर्वावस्थां गतोडपी वा। य: स्मारत पुण्डरी कक्षा स बाह्याभ्यन्तरः शुधिः ।।"
ऊपर लिखे गए मंत्रः का उच्चार करते करते सारे घर में जल छिडके इससे आपका घर पवित्र हो जाएगा।

श्री गणेशजी रूठे नहीं इसलिए क्या करे:

भगवान पर से उतरा गया पुस्प दुबारा पूजा में नहीं लेना चाहिए ।बसी फूल ,जमीन पर गिरा हुआ फूल एवं सुगे हुवे फूल का भी उपयोग नहीं करना चाहिए।
अगर आप झखी की सजावट पकृतिक फूलों से कर रहे है तो इन्हे प्रतिदिन बदलना ना भूले।
श्री गणेश जी के स्थान के आस पास गंदगी नहीं होनी चाहिए इस बात का पूरा ध्यान रखें।

गणेश महोत्सव में अति आवश्यक सूचना:

आप सभी लोग जानते है कि इस साल गणेश महोत्सव के दौरान कोविड -१९ के चलते बहुत सरी सावचेती लेना आवशयक है।
गणेश जी की आरती के समय सभी लोग सोसियल डिस्टेंस का पालन करे और है एक बात खूब आवश्यक है कि गणेश कि आरती के वक्त सभी लोग आपने हाथ को सेनेटाइज ना करे बलकी अपने हाथ को साबुन या पानी से साफ करे।
आप सभी लोग जानते है कि सेनेटाइज में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा होती है तो इस भायजनक खतरे से बचे।







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